Petrol Diesel Price: सरकारी तेल कंपनियों ने 7 मई 2025 के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतें जारी कर दी हैं. लगातार कई दिनों से कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आज भी देशभर में ईंधन की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं. इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम जैसी कंपनियों ने अपनी वेबसाइट पर ताजा रेट्स अपडेट कर दिए हैं.
दिल्ली समेत देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल के रेट
7 मई के ताजा पेट्रोल-डीजल रेट्स के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल ₹94.72 और डीजल ₹87.62 प्रति लीटर मिल रहा है. वहीं मुंबई में पेट्रोल ₹103.44 और डीजल ₹89.97 प्रति लीटर है. अन्य शहरों के ताजा रेट नीचे दिए गए हैं:
शहर पेट्रोल (₹/लीटर) डीजल (₹/लीटर)
दिल्ली 94.72 87.62
मुंबई 103.44 89.97
कोलकाता 103.94 90.76
चेन्नई 100.85 92.44
बेंगलुरु 102.86 91.02
लखनऊ 94.65 87.76
नोएडा 94.87 88.01
गुरुग्राम 95.19 88.05
चंडीगढ़ 94.24 82.40
पटना 105.18 92.04
मार्च 2024 के बाद से नहीं हुआ संशोधन
बता दें कि आखिरी बार मार्च 2024 में पेट्रोल और डीजल के दामों में संशोधन किया गया था. उस समय पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम ₹2 प्रति लीटर घटाए गए थे. तब से लेकर अब तक कोई नया बदलाव नहीं किया गया है, जिससे आम लोगों को कीमतों में स्थिरता देखने को मिल रही है.
कौन करता है पेट्रोल-डीजल की कीमतों का निर्धारण?
देश में पेट्रोल और डीजल के दाम रोज़ाना ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) द्वारा तय किए जाते हैं. इनमें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) और भारत पेट्रोलियम (BPCL) शामिल हैं. ये कंपनियां रोज सुबह 6 बजे ताजा दाम जारी करती हैं और अपनी वेबसाइट पर अपडेट करती हैं.
घर बैठे कैसे जानें अपने शहर का रेट?
अगर आप चाहें तो बिना पेट्रोल पंप गए, अपने मोबाइल से ही अपने शहर का रेट जान सकते हैं. इसके लिए दो आसान तरीके हैं:
वेबसाइट चेक करें – इंडियन ऑयल, HPCL और BPCL की वेबसाइट्स पर जाकर आप रेट देख सकते हैं.
SMS भेजकर रेट पाएं
IOCL ग्राहक: RSP<स्पेस>शहर का कोड लिखकर 9224992249 पर SMS करें.
BPCL ग्राहक: RSP लिखकर 9223112222 पर SMS भेजें.
इससे आप तुरंत अपने शहर का ताजा पेट्रोल-डीजल रेट जान सकते हैं.
आगे कीमतों में बदलाव की क्या है संभावना?
जानकारों के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल के दामों में अगले कुछ हफ्तों तक स्थिरता बनी रह सकती है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, चुनावी रणनीति और सरकार की नीति के आधार पर कभी भी बदलाव संभव है.
फिलहाल जनता को ना राहत मिली है और ना ही महंगाई का झटका, लेकिन यह स्थिरता कब तक रहेगी, यह कहना मुश्किल है.